UP Ration Card : उत्तर प्रदेश में कोटेेदारी व्यवस्था समाप्त होने की दिशा में बड़ा कदम..

UP Ration Card : उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की सार्वजनिक वितरण प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव की घोषणा की है। अब कोटेेदारी व्यवस्था, जो दशकों से राशन वितरण की रीढ़ मानी जाती थी, धीरे-धीरे समाप्त कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में सब्सिडी की राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजी जाएगी। इसका अर्थ है कि अब गरीब और जरूरतमंद लोगों को अनाज लेने के लिए कोटेेदार पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

UP Ration Card
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सरकार की नई पहल और उद्देश्य

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब शासन की योजनाएं पारदर्शिता और ईमानदारी से लागू होंगी, तब कोई भी नागरिक भूख, बीमारी या कुपोषण का शिकार नहीं होगा। लंबे समय से यह शिकायतें आती रही हैं कि राशन की गुणवत्ता खराब होती है या निर्धारित मात्रा से कम दिया जाता है। इन समस्याओं को जड़ से समाप्त करने के लिए सरकार अब सीधा डीबीटी (Direct Benefit Transfer) का विकल्प अपना रही है। इस व्यवस्था के तहत परिवार अपने खाते में जमा हुई सब्सिडी का उपयोग अपनी सुविधा के अनुसार बाजार से खाद्यान्न खरीदने में कर सकेंगे।

पहले की समस्याएँ और सरकार का विश्लेषण

कोटेेदारी प्रणाली में अक्सर भ्रष्टाचार, कालाबाज़ारी और पारदर्शिता की कमी देखी जाती थी। गरीबों के लिए भेजा गया अनाज खुले बाजार में बेच दिया जाता था, जिससे असली लाभार्थियों को उनका हक नहीं मिल पाता था। सरकार ने पाया कि लाखों फर्जी राशन कार्ड बनाए गए थे, जिनसे वास्तविक पात्र परिवारों का हिस्सा बिचौलियों की जेब में चला जाता था। इन खामियों को देखते हुए नई प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया गया है।

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अभी तक किए गए कार्य

  • सरकार ने जांच अभियान चलाकर लगभग 30 लाख फर्जी राशन कार्ड रद्द किए हैं, जिससे व्यवस्था अधिक पारदर्शी बनी।
  • करीब 13,000 कोटेेदारों की दुकानों पर इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल (e-POS) मशीनें लगाई गईं, जिनसे 350 करोड़ रुपये की बचत हुई।
  • सरकार की योजना है कि सभी 80,000 उचित दर की दुकानों पर ऐसी मशीनें उपलब्ध कराई जाएं, जिससे हर वर्ष लगभग 2000 करोड़ रुपये की बचत होगी।
  • लाभार्थियों की पहचान आधार और बैंक खातों से जोड़ दी गई है, जिससे फर्जीवाड़े की गुंजाइश लगभग खत्म हो गई है।

खुला बाजार और कड़ी कार्रवाई

अब यह सुनिश्चित किया जाएगा कि गरीबों के हिस्से का अनाज खुले बाजार में न बिके। यदि कोई व्यक्ति या व्यापारी ऐसा करने की कोशिश करेगा, तो सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि अब गरीब परिवारों को राशन लेने के लिए भीख मांगने या किसी पर निर्भर होने की आवश्यकता नहीं होगी। उन्हें समय पर और गुणवत्तापूर्ण सहायता मिलेगी। यह सुधार सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में बड़ा कदम है।

कोटेेदारों का भविष्य

कोटेेदारों को इस परिवर्तन से बाहर नहीं किया जाएगा, बल्कि उन्हें वैकल्पिक व्यवसाय अपनाने का सुझाव दिया गया है। सरकार का मानना है कि बदलते समय के साथ-साथ व्यवसायिक अवसर भी बदलने चाहिए। इसीलिए कोटेेदारों को अन्य उद्यमों में संलग्न होकर आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश सरकार का यह निर्णय गरीबों और जरूरतमंदों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाला है। सीधे बैंक खातों में सब्सिडी भेजने से न केवल भ्रष्टाचार और बिचौलियों पर रोक लगेगी, बल्कि लोगों को अपने हिस्से की राशि का स्वतंत्र उपयोग करने का अधिकार भी मिलेगा। इस कदम से यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी परिवार भूखा न रहे और राज्य की योजनाएँ सही मायनों में अंतिम व्यक्ति तक पहुँचें। आने वाले समय में यह व्यवस्था देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक आदर्श साबित हो सकती है।

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