RBI cheque rules : भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में बैंक चेक के इस्तेमाल के नियमों में बड़ा बदलाव किया है, जो पूरे देश के बैंक ग्राहकों को प्रभावित करेगा। यह बदलाव 15 अगस्त 2025 से लागू होगा। इसका मुख्य उद्देश्य चेक के जरिए होने वाले लेन-देन को अधिक सुरक्षित बनाना, धोखाधड़ी रोकना और बैंकिंग सिस्टम में लोगों का भरोसा बढ़ाना है।
RBI Cheque Rules

क्या बदला है?
- पॉज़िटिव पे सिस्टम अब अनिवार्य
पहले यह सिस्टम केवल बड़ी रकम वाले चेक के लिए लागू था, लेकिन अब सभी उच्च-मूल्य के चेक में इसका पालन करना जरूरी होगा। इस सिस्टम के तहत, चेक जारी करने वाले को बैंक को पहले से चेक की महत्वपूर्ण जानकारी—तारीख, रकम, चेक नंबर और लाभार्थी का नाम—भेजनी होगी। यह काम SMS, इंटरनेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग ऐप के माध्यम से आसानी से किया जा सकता है।इस बदलाव का फायदा यह है कि बैंक को पहले से चेक के विवरण की जानकारी होगी, जिससे धोखाधड़ी की संभावना काफी कम हो जाएगी। - धोखाधड़ी से सुरक्षा
पहले कई बार चेक में रकम या लाभार्थी का नाम बदलकर धोखाधड़ी की जाती थी। नए नियम के अनुसार, बैंक चेक क्लियर करने से पहले ग्राहक द्वारा दी गई जानकारी को असली चेक से मिलाएगा। अगर दोनों में अंतर पाया गया, तो चेक पास नहीं होगा और ग्राहक को तुरंत सूचना दी जाएगी। - जांच में थोड़ा अधिक समय
इस बदलाव से चेक पास होने में पहले से थोड़ा अधिक समय लग सकता है, क्योंकि बैंक अब प्रत्येक चेक की डिटेल्स को अधिक सावधानी से जांचेंगे। हालांकि, यह अतिरिक्त समय ग्राहकों की सुरक्षा के लिए जरूरी है। - डिजिटल तकनीक का प्रोत्साहन
RBI का लक्ष्य केवल धोखाधड़ी रोकना ही नहीं, बल्कि ग्राहकों को डिजिटल बैंकिंग की ओर प्रेरित करना भी है। मोबाइल ऐप और ऑनलाइन बैंकिंग के उपयोग से समय और मेहनत दोनों की बचत होगी, और प्रक्रियाएं भी तेज़ होंगी।
ग्राहकों को क्या करना चाहिए?
- चेक जारी करने के तुरंत बाद पॉज़िटिव पे सिस्टम में उसकी सभी जानकारी सही-सही दर्ज करें।
- चेक पर तारीख, रकम और लाभार्थी का नाम स्पष्ट और साफ लिखें, ओवरराइटिंग से बचें।
- बैंक के SMS और ईमेल अलर्ट सक्रिय रखें, ताकि किसी भी चेक से जुड़ी जानकारी समय पर मिल सके।
- अगर पॉज़िटिव पे में गलत जानकारी दर्ज हो जाए, तो तुरंत बैंक से संपर्क कर उसे सुधारें।
- चेक जारी करने के बाद अपने बैंक खाते की लेन-देन सूची नियमित रूप से जांचें।
निष्कर्ष
RBI का यह नया नियम बैंकिंग सिस्टम को अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। हो सकता है कि चेक पास होने में थोड़ा अधिक समय लगे, लेकिन इससे धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी और ग्राहकों की मेहनत की कमाई सुरक्षित रहेगी। लंबे समय में यह बदलाव बैंकों और ग्राहकों के बीच विश्वास को मजबूत करेगा और बैंकिंग सेवाओं को और आधुनिक व पारदर्शी बनाएगा।