EPFO New Rule : देशभर के कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने नियमों में ऐतिहासिक बदलाव करते हुए यह घोषणा की है कि अब कर्मचारी सिर्फ 12 महीने की सेवा अवधि पूरी करने के बाद ही अपने पीएफ (Provident Fund) की राशि निकाल सकेंगे। पहले इस प्रक्रिया के लिए कई वर्षों की सेवा आवश्यक थी, जिससे कर्मचारियों को आपातकालीन परिस्थितियों में आर्थिक कठिनाई झेलनी पड़ती थी। यह फैसला लाखों कर्मचारियों को राहत प्रदान करेगा, विशेषकर उन युवाओं को जो करियर की शुरुआत में ही आर्थिक दबावों का सामना करते हैं।

🔹 अब कारण बताने की जरूरत नहीं
पहले पीएफ निकालने के लिए बीमारी, शादी या शिक्षा जैसे किसी विशेष कारण का उल्लेख करना जरूरी होता था। अब ईपीएफओ ने यह शर्त समाप्त कर दी है। यानी कर्मचारी बिना किसी कारण बताए अपनी जमा राशि निकाल सकेंगे। यह बदलाव कर्मचारियों को अपने धन पर पूर्ण स्वतंत्रता और नियंत्रण प्रदान करता है। साथ ही, अब दस्तावेज़ी प्रक्रिया भी सरल और डिजिटल हो गई है।
- इस नियम के अनुसार उन्हें सभी पीएफ सदस्यों को राहत मिलेगी जो कंस्ट्रक्शन ऑफ हाउस के द्वारा अपने पीएफ का विड्रोल करना चाहते हैं पहले यह सर्विस 5 साल के बाद मिलती थी मगर इसको घटकर 5 साल से 12 महीने कर दिया गया है
- 12 महीने की सर्विस में यह नियम भी लागू होगा जिसमें आप बीमारी के लिए एडवांस क्लेम करते हैं तो आपकी टोटल सर्विस सभी कंपनियों में काम से कम 12 महीने की होनी चाहिए पहले यह नियम नहीं था आप एडवांस के लिए किसी भी समय पैसे निकाल सकते थे
🔹 निकासी सीमा में बड़ा इजाफा
ईपीएफओ ने निकासी सीमा को भी बढ़ा दिया है। पहले केवल 50% राशि ही निकाली जा सकती थी, लेकिन अब कर्मचारी अपनी कुल पीएफ राशि का 75% तक निकाल सकते हैं। यह सुविधा हर 12 महीने में एक बार ली जा सकेगी। इस निर्णय से कर्मचारियों को शिक्षा, विवाह, मकान खरीद या अन्य आवश्यक खर्चों के लिए अपने पैसों का उपयोग करने की आज़ादी मिलेगी। यह कदम कर्मचारियों के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत पहल है।
🔹 पेंशनभोगियों को भी बड़ी राहत
पेंशनधारकों के लिए भी बड़ी राहत दी गई है। अब पोस्ट पेमेंट सिस्टम के तहत जीवित प्रमाणपत्र (Life Certificate) जमा करने की प्रक्रिया को सरल बना दिया गया है। अब पेंशनभोगी ऑनलाइन या नजदीकी केंद्रों पर आसानी से प्रमाणपत्र जमा कर सकेंगे। इस बदलाव से वरिष्ठ नागरिकों को हर साल होने वाली तकनीकी व कागजी परेशानियों से छुटकारा मिलेगा।
🔹 ‘विश्वास योजना’ में सुधार और ब्याज दरों में बढ़ोतरी
‘विश्वास योजना’ के तहत अब पीएफ खातों में जमा राशि पर 5% से 25% तक ब्याज मिलेगा। साथ ही जिन खातों में ₹50 से अधिक की शेष राशि है, उन्हें 0.25% अतिरिक्त ब्याज दिया जाएगा। यह बदलाव कर्मचारियों की बचत को और अधिक लाभदायक बनाएगा। ब्याज में बढ़ोतरी से कर्मचारियों में पीएफ योजनाओं के प्रति विश्वास और आकर्षण दोनों बढ़ेगा।
🔹 ईपीएफ रिटर्न फाइल करने की नई समय सीमा
ईपीएफ रिटर्न भरने की अंतिम तिथि अब हर महीने की 25 तारीख कर दी गई है। पहले यह अवधि बहुत कम होती थी, जिससे कंपनियों और कर्मचारियों दोनों को परेशानी होती थी। नई समय सीमा से न केवल फाइलिंग प्रक्रिया आसान होगी, बल्कि पारदर्शिता और दक्षता में भी वृद्धि होगी।
🔹 वंचित कर्मचारियों के लिए नया नामांकन अभियान
जो कर्मचारी अब तक ईपीएफ योजना में शामिल नहीं हो पाए हैं, उनके लिए सरकार ने ‘कर्मचारी नामांकन अभियान 2025’ शुरू किया है। इस योजना का उद्देश्य प्रत्येक श्रमिक को पीएफ योजना से जोड़ना है ताकि कोई भी कर्मचारी सामाजिक सुरक्षा से वंचित न रहे। यह पहल असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए भी एक बड़ी राहत साबित होगी।
🔹 13 पुराने प्रावधानों का अंत
ईपीएफओ ने उन 13 पुराने नियमों को समाप्त कर दिया है जो निकासी प्रक्रिया को लंबा और जटिल बनाते थे। अब निकासी प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल, सरल और तेज़ होगी। इससे कर्मचारियों को अपने धन तक शीघ्र पहुंचने में आसानी होगी और अनावश्यक देरी से राहत मिलेगी।
निष्कर्ष: आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में बड़ा कदम
ईपीएफओ के नए सुधार देश के करोड़ों कर्मचारियों के जीवन में एक नया अध्याय जोड़ते हैं। अब पीएफ राशि निकालना पहले से अधिक तेज़, पारदर्शी और सुविधाजनक होगा। यह न केवल कर्मचारियों की आर्थिक सुरक्षा को मजबूत करेगा बल्कि उनके भविष्य को भी स्थिर बनाएगा। सरकार की यह पहल भारत के श्रमिक वर्ग को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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