UPI New Rules : भारत में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने पैसों का लेन-देन बेहद आसान और तेज़ बना दिया है। लेकिन बढ़ते ट्रांजैक्शनों और ऑनलाइन सुरक्षा की ज़रूरत को देखते हुए, NPCI और बैंकों ने कुछ नए नियम लागू किए हैं। ये बदलाव 1 अगस्त से प्रभावी हो चुके हैं और इनका उद्देश्य सिस्टम को अधिक सुरक्षित और सुचारू बनाना है।

1. बैलेंस चेक की सीमा
अब किसी एक UPI ऐप से दिन में अधिकतम 50 बार ही बैलेंस चेक किया जा सकेगा। इससे सर्वर पर अनावश्यक दबाव कम होगा और सेवा स्थिर बनी रहेगी।
2. अकाउंट डिटेल देखने की सीमा
दिन में केवल 25 बार ही अपने बैंक अकाउंट की जानकारी देख पाएंगे। इससे बार-बार बेवजह अकाउंट ओपन करने की आदत पर रोक लगेगी।
3. ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक
किसी भुगतान का स्टेटस दिन में अधिकतम 3 बार ही देखा जा सकेगा, और हर बार देखने के बीच कम से कम 90 सेकंड का अंतर रखना अनिवार्य होगा। यह नेटवर्क पर लोड कम करने में मदद करेगा।
4. ऑटो-पे का समय
AutoPay केवल दो समय स्लॉट में उपलब्ध होगा — सुबह 10 बजे से पहले और दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक। इसका उद्देश्य ट्रांजैक्शन प्रोसेसिंग का लोड सही तरह से बांटना है।
5. रिफंड और चार्जबैक की सीमा
एक महीने में अधिकतम 10 चार्जबैक और 5 रिवर्स ट्रांजैक्शन की अनुमति होगी। इससे सिस्टम के दुरुपयोग को रोका जा सकेगा।
6. पैसे भेजने से पहले बैंक का नाम दिखेगा
अब पैसे भेजने से पहले रिसीवर बैंक का नाम स्क्रीन पर दिखेगा, जिससे गलत खाते में पैसे जाने का खतरा कम होगा।
निष्कर्ष:
ये नए नियम न केवल UPI को अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद बनाएंगे, बल्कि आपके लेन-देन के अनुभव को भी बेहतर करेंगे। सीमाओं और समय-सीमा का पालन करके आप बिना किसी परेशानी के डिजिटल भुगतान का लाभ उठा सकते हैं।